Petrol Price: भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम रोज़ाना बदलते हैं। इनकी कीमतें कई कारणों पर निर्भर करती हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम, रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत, टैक्स, और राज्य सरकारों के वैट। आम आदमी के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी होता है कि उनके शहर में पेट्रोल की कीमत क्या है, क्योंकि यह सीधे उनके रोज़मर्रा के खर्चों को प्रभावित करती है।
भारत में पेट्रोल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
Petrol Price भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट की जाती हैं। इसका मतलब यह है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं या घटती हैं, तो उसका असर अगले दिन पेट्रोल पंप पर दिखता है।
इनकी कीमतें ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) जैसे Indian Oil, Bharat Petroleum (BPCL), और Hindustan Petroleum (HPCL) तय करती हैं।
हर राज्य में वैट (VAT) और स्थानीय टैक्स अलग-अलग होने की वजह से अलग-अलग शहरों में पेट्रोल की कीमतें अलग होती हैं।
आज का पेट्रोल रेट: प्रमुख शहरों में कीमतें (31 अक्टूबर 2025)
| शहर | पेट्रोल की कीमत (₹ प्रति लीटर) |
|---|---|
| दिल्ली | ₹96.72 |
| मुंबई | ₹106.31 |
| चेन्नई | ₹102.74 |
| कोलकाता | ₹106.03 |
| बेंगलुरु | ₹101.94 |
| हैदराबाद | ₹109.66 |
| जयपुर | ₹108.08 |
| पटना | ₹107.24 |
| लखनऊ | ₹96.57 |
| चंडीगढ़ | ₹96.20 |
(नोट: ये औसत दाम हैं, स्थानीय पेट्रोल पंप पर मामूली अंतर संभव है।)
पेट्रोल के दाम बढ़ने-घटने के मुख्य कारण
- कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें अगर बढ़ती हैं, तो भारत में पेट्रोल महंगा हो जाता है। अगर कीमतें घटती हैं, तो इसका फायदा आम जनता को मिल सकता है। - रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत
भारत तेल आयात करता है, और इसकी पेमेंट डॉलर में की जाती है। अगर रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरती है, तो पेट्रोल की कीमतें बढ़ सकती हैं। - केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स
भारत में पेट्रोल पर भारी मात्रा में एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाया जाता है। इन टैक्सों को घटाने या बढ़ाने से पेट्रोल के रेट में बदलाव आता है। - रिफाइनिंग और ट्रांसपोर्टेशन लागत
कच्चे तेल को पेट्रोल में बदलने और उसे देशभर के पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने में खर्च होता है। यह लागत भी कीमत को प्रभावित करती है।
देश में एक समान कीमत क्यों नहीं होती?
Petrol Price अक्सर लोग पूछते हैं कि देशभर में पेट्रोल की कीमत एक जैसी क्यों नहीं होती। इसका कारण यह है कि हर राज्य सरकार का अपना VAT (Value Added Tax) होता है।
जैसे –
- मुंबई और चेन्नई में टैक्स ज़्यादा होने से पेट्रोल महंगा मिलता है।
- वहीं दिल्ली और चंडीगढ़ में टैक्स कम होने की वजह से पेट्रोल सस्ता होता है।
इसके अलावा कुछ राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट भी ज्यादा होती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं।
पेट्रोल के बढ़ते दामों का असर
- महंगाई में बढ़ोतरी – पेट्रोल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ती है, जिससे खाने-पीने की चीजें, सब्ज़ियां और अन्य सामान महंगे हो जाते हैं।
- साधारण लोगों पर असर – रोज़ाना ऑफिस जाने वाले लोगों को ईंधन पर ज़्यादा खर्च करना पड़ता है।
- औद्योगिक क्षेत्र पर असर – फैक्ट्री, बिज़नेस और डिलीवरी सेक्टर की लागत बढ़ जाती है।
सरकार क्या कर सकती है?
Petrol Price केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में कटौती करके जनता को राहत दे सकती है। कुछ बार सरकारें त्योहारों के समय या आम जनता की परेशानी को देखते हुए टैक्स कम करती हैं।
राज्य सरकारें भी अपने वैट में बदलाव कर सकती हैं। हालांकि, टैक्स कम करने से सरकार की कमाई घटती है, इसलिए यह निर्णय आर्थिक स्थिति देखकर लिया जाता है।
क्या आने वाले दिनों में दाम बढ़ेंगे या घटेंगे?
यह पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं और डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत रहता है, तो पेट्रोल के दामों में स्थिरता बनी रह सकती है।
लेकिन अगर किसी देश में युद्ध या संकट जैसी स्थिति पैदा होती है, तो कच्चे तेल की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं और इसका असर भारत पर भी पड़ेगा।
निष्कर्ष
भारत में पेट्रोल की कीमतें एक संवेदनशील मुद्दा हैं क्योंकि इसका असर हर नागरिक पर पड़ता है। आज दिल्ली में पेट्रोल लगभग ₹96.72 प्रति लीटर है जबकि मुंबई और हैदराबाद में यह ₹100 से ऊपर है।
सरकार और ऑयल कंपनियों के लिए यह जरूरी है कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से संतुलन बनाए रखें, ताकि जनता पर बोझ न बढ़े।






